Monday 23 November 2009

वैभवों को पहचानो।

अपने दैवी वैभवों को पहचानो। ब्रह्म की महिमा का अनुभव करो।अपनी स्वतन्त्रता, अपना सच्चिदानन्द स्वभाव, अपना महा केन्द्र,आदर्श और लक्ष्य कभी न भूलो। उस प्रकाश, ज्ञान, प्रेम, शान्ति,सुख और आनन्द के समुंद्र में सदा आनन्दमग्न रहो।

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