Monday 23 November 2009

जब कभी तुम उभय-संभव तर्क में पड़ जाओ, तो निश्चित करने के लिए निपुण बनना चाहिए,जिससे तुम्हे सीधी सफलता प्राप्त हो सके। इसके अति सूक्षम और कुशाग्र रहनी चाहिए।

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