Thursday 28 January 2010

भौतिकता और मनुष्य

आज का मनुष्य भौतिक वादी है । वह इस भाग दौड की दुनिया मे ऐसा भागा जा रहा है कि वह अपने सारे रिश्ते नाते भूल गया है । सिर्फ पैसा ही उसका मकसद है । निःस्देह आज विज्ञान ने काफी उन्नति की है विज्ञान ने हमारे लिए क्या किया हैघ् निस्संदेह इसने भौतिक धरात्तल पर ज्ञान के भण्डार को बढ़ाया है। परन्तुए यह ज्ञानए आत्मज्ञान की तुलना में मूल्यहीन मात्र है। सभी विज्ञान आत्मज्ञान पर आधारित हैं। हम विज्ञान और विज्ञानिकों के आभारी हैंए जो वर्षों तक बंद कमरों में बैठकर नई खोजों और अविष्कारों के लिए पूर्ण तन्मयता से कार्य करते हैं। इनसे हमें सुख.साधन प्राप्त होते हैं। लेकिन इन्होंने जीवन.यापन महंगा और विलासपूर्ण बना दिया है। मनुष्य अब अधिक विचलित है। आज की विलासिता के साधन कल की आवश्यकता बन जाते हैं। जीवन.यापन का स्तर बहुत ऊঁचा उठ गया है। कर्मचारी और अधिकारी जरुरतें पूरी करने के लिए झूठ बोलने और रिश्वत लेने से नहीं झिझकते।

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