Wednesday 27 January 2010

शिक्षा

शिक्षा का बहुत ही महत्व है । लेकिन इसके साथ ही गुरू का महत्व उससे ज्यादा है । गुरू ही है जो हमे अन्धकार से उजाले की ओर ले जाता है ं। शिक्षा ग्रहण करने मे किसी प्रकार का भेद भाव नही करना चाहिए । गुरू की कोई जाति नही होती है ं। प्रकृति मे प्रत्येक जीव जन्तु से हमे शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए । जो जाति पँाति के चक्कर मे पड गया वो शिक्षा ग्रहण नही कर सकता ।
कहते है कि
उत्तम विद्या लीजिएए यद्यपि नीच पे होय। पड़ो अपावन ठोर मेंए कंचन तजै न कोय।

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